आरोग्यधाम के सदस्यों ने शहरवासियों से इको फ्रेंडली दिवाली मनाने के साथ पर्यावरण को सुरक्षित रखने का किया आवाहन
*शहरवासियों के लिवर , किडनी एवं गुर्दे को फेल कर रहा मिलावटी खोया*
*मिलावटी खाद्य पदार्थों से पुरुषों में नपुंसकता एवं महिलाओं में हो रहा बांझपन*
*बीपी , शुगर एवं कोरोना क्षतिग्रस्त हुए फेफड़ों को पटाखों के धुएं से हो रहा जान का खतरा*
ग्वालटोली स्थित आरोग्यधाम में दीपावली की पूर्व संध्या पर जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें *दीपावली और स्वास्थ्य* नामक विषय पर बोलते हुए आरोग्यधाम के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक *डॉ हेमंत मोहन* ने बताया की कल कारखानों द्वारा निकले हुए एवं शहर में विभिन्न जगहों पर की गई खुदाई से उत्पन्न धूल कणों से शहर में प्रदूषण का स्तर वैसे भी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है उस पर दीपावली में फोड़े जा रहे निम्न स्तर के पटाखों का धुआं इस स्तर को और खतरनाक बना रहा है । *डॉ हेमंत मोहन* ने बताया की इस धुएं से बीपी एवं शुगर के मरीजों को एवं कोरोना काल में जिन मरीजों को फेफड़े का गंभीर इंफेक्शन हो चुका है उन्हें विशेष तौर पर बच कर रहना चाहिए । आरोग्यधाम के संस्थापक *श्री आरआर मोहन* ने बताया की प्रशासन द्वारा मिलावटी खोए एवं खाद्य पदार्थों की जांच के नाम पर सिर्फ खानापूरी करने की वजह से शहर में बड़े स्तर पर मिलावटी खोए एवं उन से बनी मिठाइयों की निर्माण एवं आपूर्ति हो रही है जिससे शहरवासियों को लिवर, किडनी एवं हृदय की कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना हुआ है। आरोग्यधाम की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ *डॉक्टर आरती मोहन* ने बताया की इन मिलावटी खाद्य पदार्थों की वजह से महिलाओं में बच्चेदानी में रसौली, बांझपन या कैंसर तक की संभावना बनी रहती है। नमामि गंगे परियोजना के प्रदेश अध्यक्ष *श्री कृष्ण दीक्षित बड़े जी* ने पटाखों के शोर द्वारा जीव जंतुओ को होने वाली परेशानियों पर गहरा दुख एवं रोष व्यक्त किया। समाजसेवी दीपांशु पांडे, एलआईसी के जरनल मैनेजर पशुपति मल्होत्रा, सलोनी मल्होत्रा ने शहरवासियों से सिर्फ मानक युक्त दुकानों से मिठाईयां खरीदने का आग्रह किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी सम्मानित गणों ने शहरवासियों से इको फ्रेंडली ग्रीन दिवाली मनाने का आग्रह किया । कार्यक्रम में *आशीष यादव, श्रुति, सौम्या, अंकित शुक्ला, शिवम खन्ना* समेत 40 से अधिक लोग उपस्थित रहे।
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