GJEPC द्वारा आवंटित फंड का उपयोग रत्न और आभूषण उद्योग में कार्यरत दैनिक मजदूरी श्रमिकों की सहायता के लिए होगा-पंकज अरोरा
कानपुर-सर्राफा व्ययवसाय में रोज कमाने और रोज खाने वाले छोटे - छोटे कारीगर जो "कोरोना कोविड - 19" जैसी महामारी द्वारा उत्पन्न बंदी (लॉक डाउन) की आर्थिक मार की तकलीफों का सामना कर रहे है , ऐसे कारीगर / सुनार जो वर्तमान में किसी तरह गुजर-बसर कर रहे है ,संकट के इस बुरे दौर में ऐसे कारीगरों और सुनारो की आर्थिक तकलीफों को कुछ हद तक दूर करने का एक प्रयास करेगा कानपुर महानगर सर्राफा एसोसिएशन।
कानपुर महानगर सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज अरोरा ने कहा कि हमारे देश की आर्थिक स्थिति और हमारे उद्योग को भयंकर मार पड़ी है। हमारे व्यवसाय प्रभावित होते हैं लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित हमारा दैनिक वेतन भोगी समुदाय है, हमारे कारीगर / सुनार भाई हैं।।इसलिए "कानपुर महानगर सर्राफा एसोसिएशन " के विषेस आग्रह पर GJEPC ने अपने स्वयं के भंडार से, वर्तमान परिदृश्य में किए जाने वाले कई कल्याणकारी प्रयासों में योगदान करने का निर्णय लिया है। GJEPC ने राष्ट्र और विशेष रूप से भारतीय जेम एंड ज्वैलरी उद्योग की हर संभव तरीके से सेवा करने का संकल्प लिया है।
GJEPC द्वारा आवंटित फंड का उपयोग रत्न और आभूषण उद्योग में कार्यरत दैनिक मजदूरी श्रमिकों की सहायता के लिए किया जाएगा, जिनकी आजीविका सीधे COVID 19 से प्रभावित होती है।
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